इंफाल। मणिपुर में 82 दिन तक बंद रहने के बाद इंटरनेट सेवा आंशिक रूप से बहाल कर दी गई है। राज्य सरकार ने सोमवार को एक आदेश में कहा कि जिन लोगों के पास स्टैटिक आईपी कनेक्शन है, वे ही सीमित तरीके से इंटरनेट का इस्तेमाल कर सकते हैं। साथ ही यह भी कहा गया कि राज्य में मोबाइल इंटरनेट पर लगी पाबंदी जारी रहेगी। गौरतलब है कि राज्य में मैती और कुकी समुदायों के बीच चल रही जातीय हिंसा की वजह से तीन से इंटरनेट सेवा बंद थी।
बहरहाल, सरकार की ओर से कहा गया है कि स्टैटिक आईपी के अलावा किसी अन्य कनेक्शन की अनुमति नहीं है। अगर कोई इसके अलावा उपयोक्ता किसी अन्य कनेक्शन का इस्तेमाल करते हुए पाया जाता है तो इसके लिए सेवा प्रदाता को जिम्मेदार ठहराया जाएगा। राज्य में किसी भी वाई-फाई हॉटस्पॉट की अनुमति नहीं है और साथ ही सोशल मीडिया वेबसाइट तक भी लोगों की पहुंच नहीं होगी।
इस बीच राज्य की पुलिस ने कहा कि वह उन लोगों को गिरफ्तार करने की कोशिश कर रही है, जिन्होंने एक महिला की हत्या का वीडियो मणिपुर का बताकर वायरल किया। पुलिस ने कहा- 24 जुलाई को केस दर्ज किया है। वीडियो में बताया गया है कि हथियारबंद लोगों ने मणिपुर में महिला की हत्या की, जबकि यह घटना म्यांमार में हुई थी। वीडियो फैलाने का मकसद राज्य की शांति भंग करना और दंगे भड़काना था। मणिपुर पुलिस ने दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने के मामले में सातवें आरोपी को भी गिरफ्तार किया है।
एक अन्य घटना में सीमा सुरक्षा बल, बीएसएफ के एक हेड कांस्टेबल द्वारा लड़की से छेड़छाड़ का वीडियो वायरल होने के बाद सीमा सुरक्षा बल ने उसे निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही इंफाल में छेड़छाड़ का मामला भी उसके खिलाफ दर्ज किया गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने खुलासा किया कि यह घटना 20 जुलाई को इंफाल में पेट्रोल पंप के पास एक दुकान में हुई थी। आरोपी की पहचान हेड कांस्टेबल सतीश प्रसाद के रूप में हुई है।