कोलकाता। पश्चिम बंगाल सरकार ने दो सितंबर को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है, जिसमें बलात्कार के खिलाफ सख्त कानून पास किया जाएगा। संसदीय कार्य मंत्री सोवनदेव चटोपाध्याय ने गुरुवार को बताया कि बंगाल सरकार ने दो सितंबर को विधानसभा का दो दिन का विशेष सत्र बुलाया है। इसमें रेप के दोषियों को मौत की सजा देने का बिल पेश होगा और इसे पारित भी किया जाएगा। एक दिन पहले बुधवार को ममता बनर्जी ने कहा था कि अगले हफ्ते विधानसभा सत्र बुलाएंगे और आरोपियों को फांसी की सजा दिलाने के लिए 10 दिनों के भीतर एक बिल पारित करेंगे।
इस बीच गुरावार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि उन्होंने प्रदर्शनकारी डॉक्टरों को कभी नहीं धमकाया। ममता ने गुरुवार को सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा- कुछ लोग आरोप लगा रहे हैं कि मैंने प्रदर्शनकारी डॉक्टरों को धमकाया है। ये सरासर झूठ है। गौरतलब है कि भाजपा ने आरोप लगाया है कि ममता ने बंगाल के उन जूनियर डॉक्टरों को धमकाया, जो 21 दिन से हड़ताल पर हैं। ये डॉक्टर आरजी कर मेडिकल कॉलेज में नौ अगस्त को हुए जूनियर डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के केस में न्याय की मांग कर रहे हैं। इन्होंने अस्पताल में काम के बेहतर माहौल और सुरक्षा पर भी कदम उठाने की मांग की है।
डॉक्टरों को धमकाने के आरोपों पर सफाई देते हुए ममता ने लिखा- मुझे पता लगा है कि प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया में मेरे खिलाफ गलत खबरें चलाई जा रही हैं। इनमें उस स्पीच का हवाला दिया गया है, जो मैंने 28 अगस्त को छात्रों के बीच दी थी। मैं स्पष्ट कर देना चाहती हूं कि मैंने मेडिकल छात्रों और उनके अभियान के खिलाफ एक शब्द भी नहीं कहा है। उन्होंने लिखा- कुछ लोग मुझ पर ऐसे आरोप लगा रहे हैं। ये झूठ है। मैं उनके आंदोलन का पूरा समर्थन करती हूं। उनका प्रदर्शन सही है। मैंने भाजपा के खिलाफ बयान दिया था। मैंने उनके खिलाफ बोला, क्योंकि केंद्र सरकार के समर्थन से हमारे राज्य में अराजकता फैलाना चाह रही है, कानून व्यवस्था बिगाड़ना चाह रही है। इसके खिलाफ मैंने आवाज उठाई।