बाइडेन-जिनफिंग सम्पर्क रखने की सहमति

बाइडेन-जिनफिंग सम्पर्क रखने की सहमति

सैन फ्रांसिस्को। लम्बे इंतजार के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनफिंग की मुलाकात हुई। अमेरिका की यात्रा पर पहुंचे जिनफिंग ने राष्ट्रपति बाइडेन के साथ चार घंटे तक बातचीत की, जिसमें इस बात पर सहमति बनी कि दोनों देश एक दूसरे सम्पर्क में रहेंगे और खुली व स्पष्ट बातचीत करते रहेंगे ताकि कोई गलतफहमी न हो। मुलाकात के बाद बाइडेन ने कहा कि उन्होंने मानवाधिकारों को लेकर भी जिनफिंग से बात की है। बाद में उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका और चीन की शासन प्रणाली बिल्कुल अलग है। इस क्रम में उन्होंने जिनफिंग को ‘साम्यवादी तानाशाह’ भी कहा।

बहरहाल, बाइडेन और जिनफिंग इस बात पर सहमत हुईं कि एक-दूसरे से मुंह मोड़ना कोई विकल्प नहीं है। दोनों नेताओं की मुलाकात फिलोली एस्टेट में हुई, जिसे 1980 के दशक के सोप ओपेरा ‘डायनेस्टी’ की सेटिंग के रूप में जाना जाता है। दोनों ने एस्टेट के बगीचे में टहलते हुए बातें कीं और उन्हें सहजता से मुस्कुराते हुए देखा गया। वार्ता के बाद राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा- इसी तरह से दुर्घटनाएं और गलतफहमियां होती हैं, इसलिए हम सीधे, खुली और स्पष्ट बातचीत पर सहमत हुए हैं।

बाइडेन ने कहा- आने वाले महीनों में, हम दोनों दिशाओं में चीन के साथ उच्चस्तरीय कूटनीति को संरक्षित करने और आगे बढ़ाना जारी रखेंगे, ताकि राष्ट्रपति शी और मेरे बीच बातचीत की लाइनें खुली रहें। वे और मैं इस बात पर सहमत हुए कि हम फोन उठा सकते हैं और सीधे कॉल कर सकते हैं। हमारी बात तुरंत सुनी जाएगी। बैठक के अंत में शी जिनफिंग ने कहा- दोनों देशों की सफलता के लिए बहुत स्पेस है। तो बाइडेन ने कहा- दुनिया उम्मीद करती है कि अमेरिका और चीन जिम्मेदारी से कॉम्पटिशन मैनेज करेंगे ताकि इसे संघर्ष, टकराव या एक नए कोल्ड वॉर में जाने से रोका जा सके।

बाइडेन ने शिनजियांग, तिब्बत और हांगकांग में चीन द्वारा कथित मानवाधिकारों के उल्लंघन के बारे में चिंता जताई। बाइडेन ने बाद में कहा- मैंने उन्हें उन व्यक्तियों के नाम दिए, जिनके बारे में हमें लगता है कि उन्हें हिरासत में रखा गया है, और उम्मीद है कि हम उन्हें भी रिहा करा सकते हैं। हालांकि इस पर कोई सहमति नहीं बनी है। मुलाकात के दौरान बाइडेन ने ताइवान का मुद्दा उठाया तो चीनी राष्ट्रपति ने दृढ़ता से कहा कि अमेरिका को उसे हथियार देना बंद करना चाहिए। बाद में बाइडेन ने मीडिया से कहा- जिनफिंग एक साम्यवादी देश को चलाने वाले एक तानाशाह हैं। चीन की सरकार हमारी सरकार से बिल्कुल अलग सरकार के स्वरूप पर आधारित है।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

और पढ़ें