नई दिल्ली। मतदान का आंकड़ा जारी होने में देरी का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन और वीवीपैट के मामले में याचिका देने वाली गैर सरकारी संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स यानी एडीआर ने एक याचिका दायर कर चुनाव आयोग से मतदान प्रतिशत का आंकड़ा 48 घंटे के भीतर वेबसाइट पर अपलोड करने का निर्देश देने की मांग की गई है। शुक्रवार को दायर इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट तत्काल सुनवाई के लिए राजी हो गया है।
मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच करेगी। एडीआर की तरफ से वकील प्रशांत भूषण ने इस पर तुरंत सुनवाई की मांग की थी। याचिका में कहा गया है कि आयोग ने पहले दो चरण का मतदान का आंकड़ा देर से सार्वजनिक किया। पहले चरण के मतदान के 11 दिन बाद और दूसरे चरण के मतदान के चार दिन बाद यह आंकड़ा सामने आया था।
मतदान के अंतिम आंकड़े जारी करने में हुई देर और चुनाव आयोग के प्रेस बयान में पांच फीसदी से ज्यादा के अंतर ने इसके सही होने पर चिंताएं और संदेह बढ़ा दिया है। गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने मतदान के बाद प्रेस कांफ्रेंस करके आंकड़े नहीं जारी किए थे। अंतरिम आंकड़े जारी हो गए थे लेकिन अंतिम आंकड़े में बहुत समय लगा। जब अंति आंकड़ा सामने आया तो उसमें अंतरिम आंकड़े से बहुत ज्यादा अंतर था, जिसे लेकर विपक्षी पार्टियों ने सवाल उठाया था। एडीआर ने कहा है कि मतदाताओं का भरोसा कायम रहे, इसके लिए जरूरी है कि आयोग अपनी वेबसाइट पर वोटिंग बंद होने के 48 घंटों के भीतर डाले गए वोटों का प्रमाणित आंकड़ा प्रकाशित करे।