नई दिल्ली। खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कथित साजिश के मामले में एक उच्चस्तरीय समिति जांच करेगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए एक उच्चस्तरीय कमेटी बनाई है। बुधवार को विदेश मंत्रालय ने इस बारे में जानकरी देते हुए कहा कि यह कमेटी 18 नवंबर को बना दी गई थी। इस कमेटी की जांच के नतीजों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। भारत ने पहले भी कहा था कि वह इस मामले में अमेरिका की ओर से मिली इनपुट को गंभीरता से लिया है।
गौरतलब है कि ‘फाइनेंशियल टाइम्स’ की एक रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि अमेरिकी सरकार ने आरोप लगाया था कि न्यूयॉर्क में पन्नू पर जानलेवा हमले की साजिश रची गई थी। इसमें भारत का हाथ था। इस साजिश को नाकाम कर दिया गया। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि जून में प्रधानमंत्री मोदी के अमेरिका दौरे के बाद ही अमेरिकी अधिकारियों ने भारत के सामने यह मुद्दा उठाया था। इस बात का खुलासा ‘फाइनेंशियल टाइम्स’ ने 22 नवंबर को किया।
अखबार की रिपोर्ट सामने आने के दो दिन बाद 24 नवंबर को विदेश मंत्रालय ने आरोपों को गंभीर बताते हुए कहा था- अमेरिका के आरोप गंभीर हैं। हम संगठित अपराधियों, आतंकवादियों और दूसरे लोगों के बीच की कड़ी की जांच कर रहे हैं। भारत ऐसे इनपुट्स को बहुत गंभीरता से लेता है, क्योंकि ये हमारे सुरक्षा हितों को भी खतरे में डाल सकते हैं। उधर कनाडा में भारतीय उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा ने 26 नवंबर को एक इंटरव्यू में कहा था- पन्नू की हत्या की साजिश मामले की जांच में भारत सरकार अमेरिकी सरकार का सहयोग कर रही है। संजय कुमार वर्मा के इस बयान के बाद 29 नवंबर को विदेश मंत्रालय ने उच्चस्तरीय कमेटी बनाने के बारे में जानकारी दी।
यह भी खब है कि इस मामले में एक कथित आरोपी के खिलाफ न्यूयॉर्क डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में सीलबंद केस दायर किया गया है, लेकिन आरोपी कौन है और आरोप क्या हैं यह लिफाफा खुलने पर पता चलेगा। ‘फाइनेंशियल’ टाइम्स के मुताबिक, अमेरिका ने भारत को कूटनीतिक चेतावनी दी थी। इसके अलावा मामले में एक कथित आरोपी के खिलाफ न्यूयॉर्क डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में सीलबंद केस दायर किया गया है।