खत्म हुआ प्रचार का शोर

खत्म हुआ प्रचार का शोर

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2024 के सातवें और आखिरी चरण के मतदान के लिए प्रचार समाप्त होने के साथ ही देश में चुनाव प्रचार का शोर थम गया। चुनाव की घोषणा के साथ ही 16 मार्च से शुरू हुआ प्रचार गुरुवार, 30 मई की शाम पांच बजे थम गया। आखिरी चरण में आठ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश की 57 सीटों और ओडिशा विधानसभा की बची हुई 42 सीटों पर शनिवार यानी एक जून को वोट डाले जाएंगे। इसके साथ ही मतदान की प्रक्रिया संपन्न हो जाएगी। लोकसभा की सभी सीटों और दो राज्यों की विधानसभाओं के लिए वोटों की गिनती चार जून को होगी, जबकि पूर्वोत्तर के दो राज्यों, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए वोटों की गिनती दो जून को होगी।

लोकसभा चुनाव के पहले छह चरण में 486 सीटों पर चुनाव संपन्न हो चुका है। बची हुई 57 सीटों पर एक जून को मतदान होगा। आखिरी चरण में पंजाब की सभी 13 लोकसभा सीटों पर और केंद्र शासित चंडीगढ़ की सीट पर मतदान होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनाव क्षेत्र वाराणसी सहित उत्तर प्रदेश की 13 सीटों पर भी शनिवार को मतदान होगा। इसके अलावा पश्चिम बंगाल की नौ, बिहार की आठ और झारखंड की चार सीटों पर शनिवार को मतदान होगा। हिमाचल प्रदेश की चार सीटों पर भी शनिवार को वोट डाले जाएंगे। इसके अलावा ओडिशा की छह सीटों पर मतदान होगा।

सातवें और आखिरी चरण में प्रधानमंत्री मोदी के वाराणसी चुनाव क्षेत्र के अलावा कई और सीटों पर बड़े नेताओं की किस्मत दांव पर लगी है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद की सांसद बेटी मीसा भारती, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी व रविशंकर प्रसाद, फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत आदि की किस्मत का फैसला शनिवार को मतदाता करेंगे।

सातवें और आखिरी चरण का मतदान केंद्र की सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा के साथसाथ कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के लिए कई मायनों में बेहद अहम है। इन 57 सीटों पर 2019 में हुए चुनाव के नतीजों भाजपा को अकेले 25 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। हालांकि, बाद में हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी से यह सीट छीन ली थी। भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टियों के गठबंधन एनडीए को 32 सीटें मिली थीं। कांग्रेस ने पंजाब में आठ सीटें जीती थीं। इस बार पंजाब में कांग्रेस आम आदमी पार्टी के अलावा अकाली दल और भाजपा के साथ चारकोणीय मुकाबले में फंसी है।

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