नीट पर फैसला सोमवार को आएगा

नीट पर फैसला सोमवार को आएगा

नई दिल्ली। मेडिकल में दाखिले के लिए हुई नीट यूजी की परीक्षा के मामले में गुरुवार को फैसला नहीं हो सका। चार घंटे की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह आगे की सुनवाई 22 जुलाई यानी सोमवार को करेगी और उसी दिन नतीजे पर पहुंचने का प्रयास भी करेगी। इससे पहले गुरुवार की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यानी एनटीए को आदेश दिया है कि वह शनिवार को दिन में 12 बजे तक हर शहर और हर सेंटर के नतीजे वेबसाइट पर अपलोड कर दे। नतीजे सेंटर वाइज अपलोड करने हैं और छात्रों की पहचान नहीं जाहिर करनी है।

गुरुवार की सुनवाई में अदालत ने कहा- परिणाम अपलोड करते वक्त उम्मीदवार की पहचान जाहिर ना की जाए। हम सोमवार, 22 जुलाई को सुबह साढ़े 10 बजे अगली सुनवाई शुरू करेंगे। ताकि दोपहर तक हम निष्कर्ष निकाल सकें। हम बिहार पुलिस रिपोर्ट की एक कॉपी भी चाहते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार तक काउंसलिंग पर रोक लगाने से भी इनकार कर दिया। सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने सुनवाई में कहा- काउंसलिंग में कुछ समय लगेगा। यह 24 जुलाई के आसपास शुरू होगी। इस पर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा- हम सोमवार को ही सुनवाई करेंगे।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में नीट यूजी से जुड़ी 40 से ज्यादा याचिकाओं पर गुरुवार को सुनवाई हुई। सुनवाई में यह बात स्पष्ट थी कि पेपर लीक हुआ है। लेकिन अदालत यह पता लगाना चाहती है कि परीक्षा से कितनी देर पहले पेपर लीक हुआ था और कितने छात्रों को इसका लाभ मिला। अदालत ने कहा कि वह थोड़े से छात्रों की वजह से लाखों छात्रों की परीक्षा रद्द नहीं करना चाहती है। अदालत ने गुरुवार की सुनवाई में एक सौ टॉपर्स की लिस्ट भी देखी, 12 राज्य और एक केंद्र शासित प्रदेश के छात्र शामिल हैं।

पेपर लीक और दूसरी गड़बड़ियों की वजह से पेपर रद्द करने की मांग करने वाले याचिकाकर्ताओं से चीफ जस्टिस ने कहा- परीक्षा रद्द करने के लिए आप अदालत में ठोस आधार दीजिए। इस पर याचिकाकर्ता ने कहा कि 550 से 720 अंक हासिल करने वाले उम्मीदवारों की संख्या पांच गुना हो गई है। 550 से 720 अंक पाने वाले छात्रों की संख्या में 77 हजार की वृद्धि हुई है। चीफ जस्टिस ने कहा कि क्या यह लीक का संकेत हो सकता है? याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि यह खतरे की घंटी है। उन्होंने यह भी कहा कि निजी कूरियर कंपनी के जरिए पेपर पहुंचाए गए।

चीफ जस्टिस ने सॉलिसीटर जनरल से इस बारे में सवाल पूछे। सुनवाई में अदालत का जोर इस बात पर था कि परीक्षा से कितनी देर पहले पेपर लीक हुआ। उनका कहना था कि पेपर चार मई को लीक हुआ हो सकता है तभी उसे हल करके छात्रों को रटाया गया ताकि वे पांच मई की परीक्षा में सही जवाब दे सकें। उनका यह भी सवाल था कि अगर परीक्षा के दिन यानी पांच मई की सुबह पेपर लीक हुआ तो दो घंटे के अंदर 120 सवाल हल करके छात्रों तक कैसे पहुंचाया गया?

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