पहले दिन ही संसद में हंगामा

पहले दिन ही संसद में हंगामा

नई दिल्ली। सोमवार को संसद का मॉनसून सत्र शुरू हुआ। और पहले दिन ही, लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने नीट  मुद्दे पर जमकर नारेबाजी की। शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के बीच पेपर लीक पर तीखी बहस हुई। विपक्षी सांसदों ने सदन में तख्तियां लहराई। इस पर स्पीकर ने आपत्ति जताई तो संसदीय सलाहकार समिति की बैठक में उन्होने  कहा, सांसद सदन में तख्तियां लाकर मर्यादा तोड़ रहे हैं। आप सदन में विरोध कर सकते हैं, लेकिन तख्तियों को स्वीकार नहीं किया जाएगा। सदन में तख्ती दिखाने पर कार्रवाई हो सकती है। 

सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने संसद भवन परिसर में मीडिया से कहा, चुनाव खत्म हो चुका है, और अब अगले साढ़े चार साल देश के लिए काम करने का वक्त है। जनवरी 2029, जब चुनाव का साल होगा, आप मैदान में जाइए, आप सदन का भी इस्तेमाल कर लें. छह महीने जो खेल खेलना है खेल लीजिए, लेकिन तब तक देश के गरीब, किसान, महिलाओं के सामर्थ्य के लिए काम कीजिए। 

तीसरी बार सत्‍ता में वापसी का जिक्र करते हुए उन्होने कहा, “भारत के लोकतंत्र की जो गौरव यात्रा है, उसमें ये एक महत्‍वपू्र्ण पड़ाव के रूप में मैं देख रहा हूं। व्‍यक्तिगत रूप से मुझे और हमारे सभी साथियों को लगता है कि ये अत्‍यन्‍त गर्व का विषय है कि करीब 60 साल के बाद कोई सरकार तीसरी बार वापस आई और तीसरी पारी का पहला बजट रखने का सौभाग्‍य प्राप्‍त हो, भारत के लोकतंत्र की गौरव यात्रा को देश देख रहा है.” 

मैं देश के सभी सांसदों से, चाहे वे किसी भी दल के क्यों न हों, से कहना चाहता हूं कि हम गत जनवरी से लेकर हमारे पास जितना सामर्थ्य था, उस सामर्थ्य को लेकर जितनी लड़ाई लड़नी थी,लड़ ली. जनता को जो बात बतानी थी, बता दी. किसी ने राह दिखाने का प्रयास किया, किसी ने गुमराह करने का प्रयास किया। देशवासियों ने अपना फैसला दे दिया है।  

मोदी ने कहा, यह बजट सत्र है, और मैं देशवासियों को जो गारंटियां देता रहा हूं, क्रमश: रूप से उन गारंटियों को जमीन पर उतारना इस लक्ष्‍य को लेकर हम आगे बढ़ रहे हैं। अमृतकाल का महत्‍वपूर्ण बजट है। हमें 5 साल का जो अवसर मिला है, आज का बजट हमारे 5 साल के कार्यकाल की दिशा भी तय करेगा, और 2047 जब आजादी के 100 साल होंगे, तब की विकसित भारत की नींव रखने का काम करेगा।

इस बजट सत्र के 12 अगस्त तक चलने की संभावना है। सत्र में 22 दिनों की अवधि के दौरान 16 बैठकें होंगी। 18वीं लोकसभा के दूसरे सत्र और राज्य सभा के 265वें सत्र के दौरान सरकार संसद में वित्त (नंबर 2) विधेयक- 2024, आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक-2024, बॉयलर बिल-2024, भारतीय वायुयान विधायक – 2024, कॉफ़ी (संवर्धन और विकास) विधेयक- 2024 और रबर (संवर्धन और विकास) विधेयक – 2024 सहित छह विधेयकों को पेश कर पारित करवाने का प्रयास करेगी.

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