नई दिल्ली। सहमति से यौन संबंध बनाने की उम्र सीमा 18 साल से कम नहीं की जाएगी। 22वें विधि आयोग ने इस मामले में अपनी सिफारिश केंद्र सरकार को सौंप दी है। विधि आयोग ने पॉक्सो कानून के तहत सहमति की उम्र 18 से 16 साल करने से मना कर दिया है। आयोग ने सहमति की मौजूदा उम्र कम नहीं करने की सिफारिश की है। उसने कहा है कि, यह मामला जजों के विवेक पर छोड़ दिया जाए। हालांकि आयोग ने ऐसी सहमति के मामलों में पॉक्सो कानून में कुछ संशोधन लाने की जरूरत बताई है।
विधि आयोग का मानना है कि पॉक्सो कानून के तहत सहमति की मौजूदा उम्र के साथ छेड़छाड़ करना उचित नहीं है। हालांकि इस संबंध में सभी और सुझावों पर सावधानीपूर्वक विचार करने के बाद आयोग यह जरूरी समझता है कि उन मामलों में स्थिति को सुधारने के लिए पॉक्सो कानून में कुछ संशोधन लाने की जरूरत है। विधि आयोग ने कहा कि सहमति से यौन संबंध बनाने की उम्र सीमा 18 से कम कर 16 साल करने पर कानून के दुरुपयोग की आशंका बढ़ेगी।
जस्टिस ऋतुराज अवस्थी की अध्यक्षता वाले 22वें विधि आयोग ने यौन संबंध बनाने वाले अवयस्कों के बीच सहमति के बावजूद इस बात पर गौर करने को कहा है कि दोनों की उम्र का अंतर अधिक न हो। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर उम्र का फासला तीन साल या उससे अधिक है तो इसे अपराध की श्रेणी में मानना चाहिए।