मुंबई। विवादों में घिरी ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर की मुश्किलें बढ़ गई हैं। उनका विकलांगता सर्टिफिकेट सामने आया है। पुणे के यशवंतराव चव्हाण मेमोरियल अस्पताल से 24 अगस्त 2022 को जारी इस सर्टिफिकेट में उन्हें सात फीसदी विकलांग बताया गया है, जबकि संघ लोक सेवा आयोग यानी यूपीएससी के नियम के मुताबिक विकलांग कोटे से चयन के लिए 40 फीसदी विकलांगता जरूरी है। गौरतलब है कि विवाद सामने आने के बाद वाशिम में उनकी ट्रेनिंग रोक दी गई और उनको मसूरी के ट्रेनिंग इंस्टीच्यूट में भेज दिया गया।
बहरहाल, यशवंतराव चव्हाण मेमोरियल अस्पताल के डीन राजेंद्र वाबले ने कहा- सात फीसदी का मतलब है कि शरीर में कोई बड़ी विकलांगता नहीं है। पूजा का मामला लोकोमोटर डिसेबिलिटी यानी चलने फिरने में परेशानी से जुड़ा है। गौरतलब है कि पुणे के विकलांगता आयुक्त कार्यालय ने पुलिस को पूजा खेडकर की ओर से पेश किए गए प्रमाणपत्र की जांच करने के आदेश दिए हैं। कहा जा रहा है कि इस प्रमाणपत्र में पूजा ने अपना पता भी गलत बताया था।
सरकारी नियमों के तहत विकलांगता सर्टिफिकेट बनाने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य है, लेकिन पूजा के सर्टिफिकेट में राशन कार्ड लगाया गया था। विकलांग कोटे से यूपीएससी में चयन होने के बाद से पूजा के कई विकलांगता सर्टिफिकेट सामने आ चुके हैं। पूजा खेडकर ने 2018 और 2021 में अहमदनगर सिविल हॉस्पिटल की ओर से जारी दो विकलांग सर्टिफिकेट यूपीएससी को सौंपे थे। बाद में उन्होंने एक प्राइवेट अस्पताल में बनी रिपोर्ट यूपीएससी में जमा कराई। यह विवाद भी सामने आया है कि पूजा ने यूपीएससी में प्रयास बढ़ाने के लिए अपने नाम और उम्र में बदलाव किया था।