नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को बड़ी राहत दी है। दिल्ली की शराब नीति में हुए कथित घोटाले से जुड़े धन शोधन के मामले में अदालत ने उनको अंतरिम जमानत दे दी है। हालांकि अदालत ने गिरफ्तारी की नीति का मामला बड़ी बेंच के पास भेजने का फैसला किया। उसने कहा कि गिरफ्तारी की नीति क्या हो, इसका आधार क्या हो, इन सब बातों पर बड़ी बेंच फैसला करेगी। गौरतलब है कि केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी थी।
बहरहाल, सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को ईडी के मामले में केजरीवाल को जमानत दे दी। हालांकि उन्हें अभी जेल में ही रहना होगा क्योंकि उनको सीबीआई ने भी गिरफ्तार किया है और उस मामले में उनको जमानत नहीं मिली है। शुक्रवार को जस्टिस संजीव खन्ना ने केजरीवाल को जमानत देते हुए कहा- केजरीवाल 90 दिन से जेल में हैं। इसलिए उन्हें रिहा किए जाने का निर्देश देते हैं। हम जानते हैं कि वे चुने हुए नेता हैं और ये उन्हें तय करना है कि वे मुख्यमंत्री बने रहना चाहते हैं या नहीं।
जस्टिस खन्ना ने कहा- हम यह मामला बड़ी बेंच को ट्रांसफर कर रहे हैं। गिरफ्तारी की पॉलिसी क्या है, इसका आधार क्या है। इसके लिए हमने ऐसे तीन सवाल भी तैयार किए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि बड़ी बेंच अगर चाहे तो केजरीवाल की अंतरिम जमानत आदेश में बदलाव कर सकती है। गौरतलब है कि केजरीवाल को ईडी ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। उसके बाद राउज एवेन्यू कोर्ट ने उन्हें ईडी की हिरासत में भेज दिया था। केजरीवाल गिरफ्तारी और हिरासत में भेजे जाने को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिस पर सुनवाई हुई।
दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल को ईडी के धन शोधन केस में जमानत मिली है। उनके खिलाफ दूसरा मामला सीबीआई का है, जिसमें उनकी न्यायिक हिरासत 25 जुलाई तक बढ़ाई गई है, इसलिए वे जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे। बहरहाल, शुक्रवार को केजरीवाल को जमानत मिलने का फैसला आते ही आम आदमी पार्टी ने कहा- उम्मीद है जल्दी ही केजरीवाल को सीबीआई मामले में भी जमानत मिल जाएगी। सुप्रीम कोर्ट से केजरीवाल को मिली अंतरिम जमानत से यह साबित होता है कि आबकारी नीति केस उनके खिलाफ भाजपा की साजिश है। हर अदालत ने केजरीवाल के खिलाफ भाजपा की साजिश को उजागर किया है।
इससे पहले केजरीवाल को दिल्ली हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा था। नौ अप्रैल को दिल्ली हाई कोर्ट ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को सही करार दिया था। हाई कोर्ट ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को सही बताते हुए कहा था कि इसमें कुछ भी अवैध नहीं था, क्योंकि केजरीवाल कई समन भेजे जाने के बाद भी पूछताछ के लिए ईडी ऑफिस नहीं गए। इसके बाद ईडी के पास उन्हें गिरफ्तार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा। हाई कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। सर्वोच्च अदालत ने 15 अप्रैल को केजरीवाल की याचिका पर ईडी से जवाब मांगा था।