हारने वालों का दर्द सुना और दवा दी

हारने वालों का दर्द सुना और दवा दी

भोपाल। विधानसभा चुनाव के दौरान प्रदेश में भाजपा के 163 उम्मीदवार जीतने में सफल हुए हैं वहीं 67 उम्मीदवार चुनाव हार भी गये। भाजपा ने हारे हुए उम्मीदवारों का दर्द सुना और उन्हें इस हार से उबरने की दवा भी दी।  दरअसल, 163 विधायकों के साथ सरकार बनाने में सफल हुई। भाजापा एक तरफ जहां मुख्यमंत्री और मंत्रियों के चयन करने में व्यस्त रही वहीं दूसरी ओर उसे इस बात की भी चिंता रही कि हमारे जो 67 प्रत्याशी चुनाव हारे हैं उसके कारण क्या है और गुरुवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में हारे हुए प्रत्याशियों की बैठक बुलाई गई। इस बैठक में राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा, प्रदेश भाजपा के संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा विशेष रूप से उसमें मौजूद रहे। इस दौरान हारे हुए उम्मीदवारों ने हार के अलग-अलग कारण बताए। उम्मीदवारों में लिखित में भी कारण दिए।

बहरहाल, भाजपा ने सभी 67 हारे हुए उमीदवारों को बुलाया था लेकिन 50 के करीब ही बैठक में पहुंचे। पार्टी नेताओं में सभी से हार के कारणों को पूछा और भविष्य के लिए हार को भुलाकर पार्टी के कार्यक्रमों में जुटने के लिए कहा। विशेष कर लोकसभा चुनाव के दौरान अपनी हार का क्षेत्र से बदला ले पार्टी को जीत दिलाएं। कुछ उम्मीदवारों ने अधिकारी कर्मचारियों की शिकायत की बात की उनको भी पार्टी नेताओं ने नोट किया। इसके पहले पार्टी के जितने भी कार्यक्रम जारी हो रहे हैं उन सबमें एक जनप्रतिनिधि की तरह भूमिका निभायें। प्रदेश में पार्टी की सरकार है सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ आमजन को पहुंचने के लिए सतत सक्रिय रहें। कुछ उम्मीदवारों ने पार्टी कार्यकर्ताओं एवं नेताओं के सहयोग नहीं करने का आरोप भी लगाया। पार्टी नेताओं ने उम्मीदवारों की बातों को गंभीरता से लिया और इसके समाधान का आश्वासन भी दिया।

भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश ने कहा कि आप लोग भले ही चुनाव हारे हो लेकिन आप सभी अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में सक्रियता से कम करें। मध्यप्रदेश में सरकार भाजपा की है इसलिए एक तरह से पार्टी के विधायक आप ही हैं। इस दवा से हारे हुए प्रत्याशियों के चेहरे खिल गए और उन्होंने और भी सक्रियता से काम करने का पार्टी नेताओं को आश्वासन दिया। पूर्व मंत्री इमरती देवी ने तो यहां तक कहा कि हम अपनी किस्मत से हारे हैं। मुझे किसी ने नहीं हराया। पार्टी लोकसभा चुनाव लड़ने का मौका देगी तो मैं जरूर लडूंगी। भोपाल मध्य विधानसभा से चुनाव हारे धोना राय सिंह ने कहा मेरी हार में एक नहीं कई कारण हैं हार के कारण का विस्तृत रिपोर्ट कार्ड तैयार कर रहा हूं लेकिन इसके साथ लोकसभा चुनाव को लेकर अभी से तैयारी में हम लोग जुट गए हैं। अपनी विधानसभा में विकसित भारत संकल्प यात्रा के जरिए अधिक से अधिक लोग को जोड़ना ही हम लोगों का लक्ष्य है।

कुल मिलाकर भाजपा ने अपने चुनाव हारने वाले उम्मीदवारों का दर्द सुना हारने के कारण जानने की कोशिश की और उन्हें भविष्य के लिए हार को भूलकर काम करने की सलाह दी। पार्टी इस बहाने जहां अपने नेताओं को सक्रिय कर ले में जुट गई है वही लोकसभा की तैयारी भी शुरू हो गई है।

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