बीजू जनता दल से भाजपा मे शामिल हुए भ्रतृहरि माहताब को 18वीं लोकसभा का प्रोटेम स्पीकर बनाया गया है। वे लगातार सात बार चुनाव जीते हैं इसलिए उनको यह जिम्मा दिया गया है। हालांकि इसे लेकर विवाद थमा नहीं है। कांग्रेस ने कहा है कि आठ बार जीते के सुरेश को इसलिए नहीं बनाया गया क्योंकि वे दलित हैं। सरकार का कहना है कि वे बीच में दो बार चुनाव हारे थे, जबकि माहताब लगातार जीत रहे हैं। संभवतः इसी तर्क से राधामोहन सिंह का नाम कटा। वे सात बार चुनाव जीते हैं लेकिन बीच में तीन बार हारे भी थे। बहरहाल, भ्रतृहरि माहताब के लिए प्रोटेम स्पीकर बनाना कोई बड़ी उपलब्धि नहीं है।
असल में माहताब पिछली दो लोकसभाओं से इंतजार कर रहे थे कि उनको अगर केंद्र में मंत्री नहीं बनाया जाता है तो लोकसभा में कम से कम डिप्टी स्पीकर का पद मिल जाएगा। वे उस समय बीजू जनता दल में थे। नवीन पटनायक ने साफ कर दिया था कि वे मुद्दों के आधार पर सरकार का समर्थन करेंगे लेकिन सरकार में शामिल नहीं होंगे। तभी लग रहा था कि बीजद का डिप्टी स्पीकर बनेगा। लेकिन 16वी लोकसभा में अन्ना डीएमके का डिप्टी स्पीकर बन गया। 17वीं लोकसभा में माहताब पूरे पांच साल इंतजार करते रहे। भाजपा ने डिप्टी स्पीकर की नियुक्ति ही नहीं की। तभी इस बार लोकसभा चुनाव से पहले जब वे भाजपा में गए तो माना गया कि जीतने के बाद वे केंद्र में मंत्री बनेंगे या फिर स्पीकर का पद मिलेगा। लेकिन वे न तो मंत्री बने और न स्पीकर का पद मिला। उन्हें प्रोटेम स्पीकर के पद से संतोष करना पड़ा है।