इस बात की बड़ी चर्चा हो रही है कि बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने अपने उत्तराधिकारी और पार्टी के राष्ट्रीय समन्वयक आकाश आनंद को हटा दिया। सवाल है कि हटा दिया तो क्या हो गया? हटा कर किसको बनाया? उन्हीं आकाश आनंद के पिता आनंद कुमार को उस पद पर स्थापित कर दिया। जाहिर है इस बदलाव से कुछ नहीं बदलने वाला है। यह भी कहा जा रहा है कि मायावती ने आकाश को इसलिए हटा दिया क्योंकि वे भाजपा के खिलाफ बहुत तीखा भाषण दे रहे थे। उन्होंने भाजपा को आतंकवादी पार्टी कह दिया था। हो सकता है कि आतंकवादी शब्द का इस्तेमाल थोड़ा ज्यादा लग रहा हो लेकिन भाजपा पर तीखा हमला करना तो बसपा की रणनीति का हिस्सा है।
बसपा अगर भाजपा के ऊपर तीखा हमला नहीं करेगी और उसको रोकने का प्रयास करती नहीं दिखेगी तो मुस्लिम वोट उसे कैसे मिलेगा? भाजपा के लिए मायावती की पार्टी की उपयोगिता तो तभी है, जब वे मुस्लिम वोट काटें। उन्होंने इसका भरपूर प्रयास भी किया है। करीब 20 मुस्लिम उम्मीदवार उतारे हैं। अखिलेश यादव के परिवार के लगभग हर सदस्य की सीट पर बसपा ने मुस्लिम उम्मीदवार दिए हैं। उत्तर प्रदेश में चुनाव लड़ रहे भाजपा के लगभग सभी बड़े नेताओं की सीट पर मायावती ने मुस्लिम उम्मीदवार उतारा है। बिहार में भी वे प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से भाजपा को मदद पहुंचाने की राजनीति कर रही हैं। तभी आकाश आनंद को हटाने के पीछे भाजपा पर दिया गया तीखा बयान जिम्मेदार कारण नहीं है। निश्चित रूप से कारण कुछ और है लेकिन उससे भी कोई फर्क नहीं पड़ता है। मायावती खुद रहें या आनंद रहें या उनके बेटे आकाश रहे हैं, सब परिवार का ही मामला है।