कांग्रेस और इंडियन नेशनल लोकदल में कभी तालमेल नहीं रहा है और न कभी दोनों पार्टियों के नेता किसी गठबंधन में साथ आए हैं। दोनों एक दूसरे के घोर विरोधी रहे हैं। लेकिन अब दोनों में नजदीकी बढ़ रही है। जिस तरह से बाकी समाजवादी पार्टियां कांग्रेस विरोध की राजनीति छोड़ कर कांग्रेस के साथ किसी न किसी समय तालमेल कर चुकी हैं और अब भी कई पार्टियां कांग्रेस के गठबंधन में हैं उसी तरह इनेलो के भी गठबंधन में शामिल होने की चर्चा है। विपक्षी पार्टियों की एकता बनाने की शुरुआत करने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इनेलो को विपक्षी गठबंधन में लाने की पहल की थी। उनकी पार्टी के दिग्गज नेता केसी त्यागी इसमें मुख्य भूमिका निभाते लग रहे हैं।
हालांकि नीतीश और त्यागी के प्रयासों के बावजूद विपक्ष की मुंबई में हुई तीसरी बैठक में इनेलो के शामिल होने पर बात नहीं बन पाई थी। अब इनेलो ने कांग्रेस पार्टी के 25 सितंबर की अपनी रैली में शामिल होने का न्योता भेजा है। इनेलो की ओर से पार्टी के संस्थापक चौधरी देवीलाल की 110वीं जयंती के मौके पर कैथल में बड़ी रैली का आयोजन किया जा रहा है। इनेलो की ओर से सोनिया और राहुल गांधी दोनों को न्योता भेजा गया है। हालांकि कांग्रेस का कहना है कि इनके रैली में शामिल होने का सवाल ही नहीं है। फिर भी यह कहा जा रहा है कि कांग्रेस के प्रदेश नेताओं को या प्रभारी को या किसी अन्य नेता को रैली में शामिल होने के लिए कहा जा सकता है। अगर कांग्रेस का कोई भी नेता रैली में शामिल होता है तो इससे अगले चुनाव में तालमेल का रास्ता खुलेगा। हालांकि प्रदेश के नेता ऐसा नहीं चाहेंगे क्योंकि चौटाला परिवार के साथ तालमेल से चुनाव पूरी तरह से जाट बनाम गैर जाट हो जाएगा, जिसका नुकसान कांग्रेस को हो सकता है।