पिछले करीब पांच दशक में यह पहली बार हो रहा है कि चौधरी चरण सिंह के परिवार का कोई सदस्य लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ेगा। पहले वे खुद चुनाव लड़ते थे। फिर उनके बेटे चौधरी अजित सिंह ने चुनाव लड़ना शुरू किया और एक समय तो ऐसा था कि चौधरी अजित सिंह के साथ उनके बेटे जयंत चौधरी ने भी चुनाव लड़ा। lok sabha election 2024
लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में परिवार का कोई सदस्य चुनाव नहीं लड़ेगा। पहले कहा जा रहा था कि जयंत चौधरी चुनाव लड़ेंगे या उनकी पत्नी मैदान में उतरेंगी। लेकिन भारतीय जनता पार्टी के साथ एनडीए में शामिल होने के बाद राष्ट्रीय लोकदल को जो दो सीटें मिली हैं उन पर जयंत चौधरी ने परिवार से बाहर के दो नेताओं को मैदान में उतारा है।
गौरतलब है कि जयंत चौधरी खुद राज्यसभा के सांसद हैं। दो साल पहले 2022 में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उनको अपने कोटे से उच्च सदन में भेजा था। तब सपा के साथ उनका तालमेल था। बहरहाल, भाजपा ने तालमेल में उनको दो सीटें दी हैं। एक तो पारंपरिक सीट है बागपत की और दूसरी बिजनौर की सीट है। lok sabha election 2024
जयंत चौधरी ने परिवार की पारंपरिक बागपत सीट पर राजकुमार सांगवान को उम्मीदवार बनाया है, जबकि बिजनौर सीट से अपनी पार्टी के विधायक चंदन चौहान को उम्मीदवार बनाया है। सांगवान जाट समुदाय के हैं, जबकि चौहान गुर्जर समुदाय के। इसी समुदाय के मलूक नागर अभी इस सीट से बसपा के सांसद हैं। पहले उनके रालोद में शामिल होने की चर्चा थी। बागपत सीट रालोद को मिलने से भाजपा सांसद और मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर सतपाल सिंह का राजनीतिक सफर थम गया।
यह भी पढ़ें:
केजरीवाल का दांव कितना कारगर होगा
असली सवाल भारतीय स्टेट बैंक पर है