राजधानी दिल्ली में क्या आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के कार्यकर्ता मिल कर चुनाव लड़ेंगे? अभी तक ऐसा नहीं दिख रहा है। अभी आम आदमी पार्टी का फोकस अपने कोटे की चार सीटों पर है। अरविंद केजरीवाल की पार्टी नई दिल्ली, पश्चिमी दिल्ली, दक्षिणी दिल्ली और पूर्वी दिल्ली पर लड़ रही है। उसका फोकस इन्हीं चार सीटों पर है। इनके अलावा कांग्रेस कोटे में उत्तर पूर्वी दिल्ली, चांदनी चौक और उत्तर पश्चिमी दिल्ली सीट है, जिस पर कांग्रेस ने चार दिन पहले ही उम्मीदवारों की घोषणा की है। कांग्रेस के उम्मीदवारों की घोषणा के बाद लग रहा था कि दोनों पार्टियां मिल कर साझा रैली करेंगे या साझा प्रचार शुरू होगा लेकिन फिलहाल ऐसा होता नहीं दिख रहा है।
कांग्रेस की मुश्किल यह है कि उसने दो ऐसा उम्मीदवार उतारे हैं, जिनका कांग्रेस से पुराना नाता नहीं रहा है और इसलिए कांग्रेस संगठन में पकड़ नहीं है। उदित राज 2014 में भाजपा की टिकट पर लोकसभा का चुनाव जीते थे और 2019 के बाद कांग्रेस में आए हैं। तो कन्हैया कुमार भी 2019 का चुनाव सीपीआई की टिकट पर लड़े थे और उसके बाद कांग्रेस में शामिल हुए हैं। उनका दिल्ली से भी जुड़ाव कम रहा है। इन दोनों को कांग्रेस संगठन से मजबूत समर्थन तो चाहिए ही साथ ही आम आदमी पार्टी की भी मदद चाहिए तभी से अच्छे से चुनाव लड़ पाएंगे। कांग्रेस के तीसरे उम्मीदवार जयप्रकाश अग्रवाल दिल्ली से सांसद रहे हैं और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे हैं। इसलिए उनको ज्यादा समस्या नहीं है। उनकी चांदनी चौक लोकसभा सीट भी छोटी है। लेकिन अगर आम आदमी पार्टी अपनी सीटों पर ध्यान केंद्रित किए रहेगी तो कन्हैया कुमार और उदित राज के लिए मुश्किल होगी।