इस बार उम्मीदवारों के नामांकन को लेकर कई तरह के खेल भी हो रहे हैं, खास कर उत्तर प्रदेश में। सबने देखा कि कैसे रामपुर और मुरादाबाद में समाजवादी पार्टी के दो दो उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल कर दिया और उसके बाद कैसे मामला सुलझा। इसी तरह का एक खेल आंवला सीट पर भी हुआ है। आंवला सीट पर बसपा के अधिकृत उम्मीदवार के तौर पर आबिद अली को मान्यता मिली है। हालांकि उनके साथ साथ सत्यवीर सिंह ने भी बसपा उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल किया था। जब बसपा प्रमुख मायावती के दस्तखत वाले दो फॉर्म ए और बी मिले तो चुनाव अधिकारी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग पर मायावती से बात की और मायावती ने कन्फर्म किया कि आबिद अली उनके उम्मीदवार हैं।
सवाल है कि फिर सत्यवीर सिंह ने क्यों बसपा उम्मीदवार के तौर पर फॉर्म जमा कराया? उनको फॉर्म कहां से मिला यह भी सवाल है। इसे लेकर दो कहानियां हैं। एक कहानी तो यह है कि सपा के उम्मीदवार नीरज मौर्य नहीं चाहते थे कि बसपा से कोई मुस्लिम लड़े तो एक साजिश के तहत उन्होंने सत्यवीर सिंह का नामांकन कराया। दूसरी कहानी यह है कि भाजपा के मौजूदा सांसद धर्मेंद्र कश्यप चाहते थे कि बसपा से कोई मुस्लिम लड़े तो सपा के वोट कटेंगे। अब पता नहीं असली खेल क्या है लेकिन अब बसपा के प्रत्याशी आबिद अली कह रहे हैं कि सत्यवीर सिंह पर मुकदमा होगा और वे जेल जाएंगे।