इस बात की चर्चा बहुत दिन से होती है कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के अंदर एक उप समूह है, जो कांग्रेस के खिलाफ काम करता है। हालांकि अब इसकी चर्चा खत्म हो गई है क्योंकि नीतीश कुमार और ममता बनर्जी इससे बाहर हो गए हैं। इनके अलावा जो नेता बचे हैं वे मिल कर चुनाव लड़ रहे हैं। फिर भी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी की राजनीति दिलचस्प है। वे ‘इंडिया’ ब्लॉक में शामिल नहीं हैं और पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के खिलाफ लड़ रही हैं लेकिन वे अरविंद केजरीवाल के समर्थन में हैं। वे कांग्रेस के अलावा कुछ और पार्टियों के समर्थन में हैं।
सोचें, समाजवादी पार्टी ने उनके साथ तालमेल किया है। कांग्रेस को सपा ने 17 सीटें दी हैं लेकिन एक सीट ममता बनर्जी के लिए भी छोड़ी है, जहां से पूर्व कांग्रेस नेता ललितेश पति त्रिपाठी तृणमूल की टिकट से चुनाव लड़ रहे हैं। इसी तरह ममता बनर्जी की पार्टी ने कहा है कि 31 मार्च को दिल्ली में अरविंद केजरीवाल के समर्थन में होने वाली महारैली में उनकी पार्टी का नेता शामिल होगा। ध्यान रहे 17 मार्च को राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा का समापन हुआ था और इस मौके पर मुंबई में एक बड़ी रैली हुई थी लेकिन ममता बनर्जी ने उस रैली में अपना प्रतिनिधि नहीं भेजा था। उस रैली में अखिलेश यादव भी शामिल नहीं हुए थे। बहरहाल, ममता की राजनीति से विपक्ष का विरोधाभास और जाहिर होता है।