यशवंत सिन्हा को भाजपा छोड़े हुए अरसा हो गया। उनकी जगह उनके बेटे जयंत सिन्हा हजारीबाग सीट से दो बार सांसद रहे लेकिन इस बार उनको भी टिकट नहीं मिली है। भाजपा ने इस सीट से मनीष जायसवाल को उम्मीदवार बनाया है। जयंत सिन्हा की टिकट कटने के बाद यशवंत सिन्हा फिर से सक्रिय हुए हैं और उन्होंने भाजपा के टिकट बंटवारे में कई कमियां निकाली हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर बताया कि हजारीबाग में जिस मनीष जायसवाल को टिकट मिली है उनके बेटे करण जायसवाल ने तीन साल पहले चार करोड़ रुपए का चुनावी बॉन्ड खरीदा था और भाजपा को दिया था और अब मनीष को भाजपा ने टिकट दे दी।
यशवंत सिन्हा ने यह भी शिकायत की है कि भाजपा पर जेवीएम (पी) यानी बाबूलाल मरांडी की पुरानी पार्टी का कब्जा हो गया है। गौरतलब है कि हजारीबाग से टिकट पाने वाले मनीष जायसवाल के पिता बादल जायसवाल जेवीएम के कोषाध्यक्ष रहे हैं। इसी तरह चतरा सीट से टिकट पाने वाले कालीचरण सिंह पहले बाबूलाल मरांडी की पार्टी में सचिव थे। धनबाद सीट से भाजपा की टिकट हासिल करने वाले ढुलू महतो भी बाबूलाल मरांडी की पार्टी में थे और 2009 में उनकी पार्टी से विधायक भी बने थे। रांची के सांसद संजय सेठ भी भाजपा छोड़ कर मरांडी के साथ चले गए थे। हालांकि वे पहले ही भाजपा में वापस लौट गए थे। गांडेय सीट से विधानसभा का उपचुनाव लड़ रहे दिलीप वर्मा भी पहले बाबूलाल मरांडी की पार्टी में थे।