केंद्र सरकार ने इस बार बजट सत्र में एक श्वेत पत्र पेश किया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में इसे पेश किया था और उसके बाद दोनों सदनों में इस पर चर्चा हुई। चर्चा क्या हुई वित्त मंत्री ने कांग्रेस पर हमला करने के लिए दोनों सदनों में लंबे लंबे भाषण दिए। इस श्वेत पत्र में कांग्रेस के 10 साल के राज यानी 2004 से 2014 के मनमोहन सिंह सरकार के समय के कथित घोटालों का जिक्र किया गया। इसमें यूपीए राज के 15 घोटालों का जिक्र है, जिसमें महाराष्ट्र का आदर्श घोटाला भी शामिल है। सेना की जमीन पर बनी आदर्श हाउसिंग सोसायटी में बाहरी लोगों को घर देने से जुड़े इस घोटाले में अशोक चव्हाण का नाम आया था। कहा गया था कि उनके कहने पर उनके करीबी रिश्तेदारों और जानकारों को इस सोसायटी में फ्लैट दिए गए थे। इसमें जमीन से लेकर निर्माण और फ्लैट्स की बिक्री तक के अनेक किस्म के घोटालों की चर्चा हुई थी।
आदर्श हाउसिंग घोटाला जब जोर पकड़ने लगा था तब कांग्रेस आलाकमान ने अशोक चव्हाण को मुख्यमंत्री पद से हटा दिया था। हालांकि उसके बाद भी वे कांग्रेस के बड़े नेता बने रहे थे और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी बने। अब करीब 10 साल के बाद भाजपा की सरकार ने आदर्श घोटाले की याद दिलाई। यह संयोग है कि श्वेत पत्र आया, जिसमें आदर्श घोटाले का जिक्र है और उसके आरोपी अशोक चव्हाण ने कांग्रेस छोड़ दी। इसके एक दिन बाद वे भाजपा में शामिल हो गए। भाजपा ने सीधे उनको अपनी पार्टी में शामिल कर लिया। उनको किसी दूसरे रूट पर नहीं भेजा गया। गौरतलब है कि बाबा सिद्दीकी ने कांग्रेस छोड़ कर एनसीपी ज्वाइन की है और उससे पहले मिलिंद देवड़ा कांग्रेस छोड़ कर शिव सेना में गए। अब जबकि अशोक चव्हाण सीधे भाजपा में शामिल हो गए हैं तो यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा संसद में पेश किए गए श्वेत पत्र को संशोधित करती है या वैसे ही रहने देती है। अगर श्वेत पत्र वैसा ही रहता है तो इसका मतलब होगा कि भाजपा अब वाशिंग मशीन वाले छोटे मोटे आरोपों को तरजीह नहीं देती है।