मध्य प्रदेश में भाजपा के सामने उमा भारती के साइज की समस्या खड़ी हो गई है। उनकी दो बातों से भाजपा की चिंता बढ़ी है। पहली तो यह कि उन्होंने ऐलान कर दिया है कि वे राजनीति से रिटायर नहीं हुई हैं। उन्होंने 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ने की घोषणा की है और दूसरे उन्होंने महिला आरक्षण के भीतर ओबीसी के लिए आरक्षण की मांग की है। वे इस मसले पर अलख जगा रही हैं। उन्होंने कई इंटरव्यू दिए हैं और बिल्कुल कांग्रेस के सुर में सुर मिलाते हुए कहा है कि सरकार को महिला आरक्षण में ओबीसी महिलाओं के लिए अलग से सीट आरक्षित करनी चाहिए तभी उनके साथ न्याय होगा।
उमा भारती ने यहां तक कहा है कि कांग्रेस ने ओबीसी की अनदेखी की तो वह बिहार और उत्तर प्रदेश से साफ हो गई। इसलिए भाजपा को भी ओबीसी की अनदेखी नहीं करनी चाहिए। भाजपा के नेता उनको मनाने में लगे हैं। हालांकि पिछले ही दिनों उनके भतीजे राहुल लोधी को शिवराज सिंह सरकार में मंत्री बनाया गया और उमा के करीबी प्रीतम लोधी को पहली सूची में ही विधानसभा की टिकट दी गई। फिर भी उमा भारती की नाराजगी कम नहीं हो रही है। बताया जा रहा है कि वे अपने लिए मौका देख रही हैं। कांग्रेस ने महिला आरक्षण बिल के जरिए भाजपा को ओबीसी विरोधी साबित करना शुरू कर दिया है। उमा भारती महिला हैं, ओबीसी हैं और हिंदुत्व का चेहरा हैं। वे इस मामले में भाजपा के पक्ष में भी धारणा बनवा सकती हैं और विरोध में भी। तभी भाजपा आलाकमान उनकी मंशा समझने की कोशिश कर रहा है।