कांग्रेस के जानकार सूत्रों का कहना है कि प्रियंका गांधी वाड्रा नाराज हैं। वे राज्यसभा से अपनी पारी की शुरुआत करना चाहती थीं लेकिन उनको मौका नहीं मिला। पिछले कई बरसों से उनक करीबी नेता इसकी मांग कर रहे हैं। इस बार पक्के तौर पर कहा जा रहा था कि वे राज्यसभा में जाएंगी। उन्होंने खुद इसके लिए बहुत भागदौड़ की थी। पिछले दिनों वे शिमला में थीं तो वही से हैदराबाद गई थीं और मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी से मिल कर लौटी थीं। कहा जा रहा था कि वे हिमाचल प्रदेश या तेलंगाना से राज्यसभा में जा सकती हैं। जब यह तय हो गया कि सोनिया गांधी राजस्थान से राज्यसभा में जाएंगी तब उनकी उम्मीद और बढ़ गई थी कि वे हिमाचल से उच्च सदन में जा सकती हैं।
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लेकिन उनका नाम नहीं तय हुआ और सोनिया गांधी ने रायबरेली के लोगों को एक भावुक चिट्ठी लिखी तो उसमें संकेत दे दिया कि परिवार का कोई सदस्य चुनाव लड़ सकता है। बताया जा रहा है कि इस बात से प्रियंका नाराज हैं। वे अमेठी में पिछले चुनाव में राहुल गांधी का हस्र देख चुकी हैं। इसलिए उनको पता है कि वे रायबरेली लड़ेंगी तो भाजपा की पूरी मशीनरी उनको हरवाने में जुट जाएगी। इसलिए वे लड़ना नहीं चाहती हैं। इसके अलावा वे बिना किसी प्रभार के महासचिव बना कर रखे जाने से भी नाराज हैं। तभी कहा जा रहा है कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के 35 दिन से ज्यादा हो जाने के बावजूद वे उसमें शामिल नहीं हुईं। उत्तर प्रदेश में जब राहुल की यात्रा पहुंची तो बताया गया कि प्रियंका बीमार हैं और इसलिए यात्रा में नहीं शामिल होंगी।