स्कूल-कॉलेज बंद करने की नोएडा प्रशासन की बेचैनी

स्कूल-कॉलेज बंद करने की नोएडा प्रशासन की बेचैनी

ऐसा लग रहा है कि किसी भी छोटे बड़े इवेंट के समय नोएडा प्रशासन को सबसे आसान काम स्कूल-कॉलेज बंद कर देना लगता है। दुनिया के सभ्य देशों में बड़ी से बड़ी आपदा के समय  भी स्कूल-कॉलेज खोले रखे जाते हैं। जापान में तो भूकंप और सुनामी के तुरंत बाद सबसे पहले स्कूल-कॉलेज खोलने का काम होता है। लेकिन दिल्ली से सटे नोएडा में बात बात में स्कूल-कॉलेज बंद कर दिया जाता है। अभी नोएडा में मोटर रेस का इवेंट मोटोजीपी भारत का आयोजन होना है और उसके बाद इंटरनेशनल ट्रेड शो, 2023 का आयोजन होना है और इसके लिए पूरे जिले में 21 और 22 सितंबर को स्कूल व कॉलेज बंद कर दिए गए हैं। इस तरह के इवेंट के लिए स्कूल व कॉलेज बंद करना हैरान करने वाला है।

इससे ठीक पहले द्रोणाचार्य मेले को लेकर 12 सितंबर को नोएडा और ग्रेटर नोएडा में स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए थे। दनकौर में इस मेले का बड़े पैमाने पर आयोजन होना था इसलिए सभी सरकारी व निजी स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए। उससे पहले जी-20 शिखर सम्मेलन की वजह से स्कूल-कॉलेज बंद किए गए थे। यह सिर्फ सितंबर महीने की बात है, जब इतनी बंदी हुई है। इससे पहले कभी बारिश की वजह से तो कभी कांवड़ की वजह से या किसी और वजह से स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए जाते हैं। अभिभावकों की ओर से विरोध के बावजूद प्रशासन पर कोई असर नहीं होता है।

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