क्या भारतीय जनता पार्टी और केंद्र सरकार की इच्छा है कि बृजभूषण शरण सिंह को पूरी तरह से भारतीय कुश्ती महासंघ से बाहर किया जाए? भाजपा में कोई तो है, जो बृजभूषण का राज खत्म करने के लिए काम कर रहा है। ऐसा लग रहा है कि ऊपर से यह प्रयास हो रहा है कि किसी महिला को अध्यक्ष बनाया जाए ताकि महिला पहलवानों के आंदोलन से हुए नुकसान की भरपाई हो जाए। बृजभूषण के खिलाफ महिला पहलवानों ने जब दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन किया और केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ उनकी बैठक हुई तो महिला पहलवानों ने यह शर्त रखी थी कि बृजभूषण या उनके परिवार का कोई सदस्य कुश्ती महासंघ का चुनाव नहीं लड़ना चाहिए या पदाधिकारी नहीं बनना चाहिए। एक शर्त तो पूरी हो गई है कि बृजभूषण शरण सिंह, उनके बेटे करण प्रताप और उनके दोनों दामादों- विशाल सिंह व आदित्य प्रताप सिंह में से कोई भी इस बार चुनाव नहीं लड़ रहा है।
लेकिन ऐसा नहीं है कि बृजभूषण ने कुश्ती महासंघ छोड़ दिया है। उन्होंने पदाधिकारी और कार्यकारिणी की 15 सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा की है। भारतीय कुश्ती महासंघ के संयुक्त सचिव संजय सिंह ने उनकी ओर से अध्यक्ष और महासचिव पद के लिए नामांकन किया है। दिल्ली कुश्ती संघ के अध्यक्ष जयप्रकाश ने भी अध्यक्ष और महासचिव पद के लिए नामांकन किया है। बृजभूषण की ओर से कुश्ती संघ के उपाध्यक्ष दर्शन लाल ने फिर इसी पद के लिए परचा दाखिल किया है तो मौजूदा कोषाध्यक्ष सत्यप्रकाश देसवाल ने फिर से इसी पद के लिए नामांकन दाखिल किया है।
दूसरी ओर से बृजभूषण को चुनौती देने वाले गुट का नेतृत्व कॉमनवेल्थ खेलों में स्वर्ण जीतने वाली अनिता श्योराण दे रही हैं। 50 सदस्यों के मतदाता मंडल में वे इकलौती महिला हैं और अध्यक्ष पद के लिए परचा भरा है। उनके साथ भाजपा नेता और मन्नत ग्रुप ऑफ होटल्स के देवेंद्र सिंह कादियान, जम्मू कश्मीर के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी दुष्यंत शर्मा और रेलवे स्पोर्ट्स प्रमोशन बोर्ड के सचिव प्रेमचंद लोचब ने नामांकन किया है। लोचब गुजरात से, कादियान असम से और श्योराण ओडिशा से प्रतिनिधि हैं। आखिरी समय में इनको प्रतिनिधि बनाया गया था। हरियाणा के भाजपा नेता, गुजरात के प्रतिनिधि और जम्मू कश्मीर के पुलिस अधिकारी का एक पैनल में लड़ना इस बात का संकेत है इस समूह को ऊपर से समर्थन है।