राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के पदाधिकारी खुल कर स्वीकार नहीं करेंगे लेकिन हकीकत यह है कि लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद भाजपा के ऊपर संघ की निगरानी बढ़ गई है। संघ के पदाधिकारी या उसके विचारक भाजपा के कामकाज पर नजर रख रहे हैं और जहां जरुरत होती है वहां आगाह कर रहे हैं। पहले भी कभी कभी ऐसा होता था लेकिन तब भाजपा के नेता संघ की चेतावनी या नसीहतों पर ध्यान नहीं देते थे। लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद यह बदलाव आया है कि अब भाजपा के नेता संघ की चेतावनियों पर ध्यान रहे हैं और उसके हिसाब से अपने को बदल भी रहे हैं।
ताजा मामला अमित मालवीय का है, जिन्होंने बजट के बाद आम लोगों का मजाक उड़ाने वाला एक पोस्ट सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर डाला। उन्होंने लिखा, ‘आज सब लोग इंडेक्सेशन के विशेषज्ञ बन जाएंगे’। इंडेक्सेशन घर या संपत्ति की बिक्री से जुड़ा एक नियम था, जिसे इस बार खत्म कर दिया गया है। अमित मालवीय के इस पोस्ट पर संघ के विचारक रतन शारदा ने ट्विट किया और कहा कि, बजट के प्रावधानों को आसान भाषा में समझाने की बजाय नागरिकों को ट्रोल करना ठीक नहीं है। उन्होंने भाजपा नेताओं के अहंकार की ओर इशारा किया। अमित मालवीय ने तुरंत इस इशारे को समझा और अगले दिन उनकी पोस्ट डिलीट हो गई। तब रतन शारदा ने फिर ट्विट करके कहा कि, उम्मीद करनी चाहिए कि बेहतर विचार को स्वीकार किया जाएगा। गौरतलब है कि रतन शारदा ने ही लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद संघ के मुखपत्र ‘आर्गेनाइजर’ में लेख लिख कर सरकार और भाजपा की कमियां बताई थीं।