वी कार्तिकेय पांडियन को गद्दी सौंपेंगे नवीन!

वी कार्तिकेय पांडियन को गद्दी सौंपेंगे नवीन!

ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक क्या अपने प्रधान सचिव रहे आईएएस अधिकारी वी कार्तिकेय पांडियन को अपना उत्तराधिकार बनाएंगे? अब तक इस बात की अटकलें दबी जुबान में लगाई जा रही थी लेकिन पांडियन के वीआरएस लेने के बाद इसकी चर्चा तेज हो गई है। कहा जा रहा है कि वे अगले साल विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे। गौरतलब है कि ओडिशा में अगले साल अप्रैल-मई में लोकसभा के साथ ही विधानसभा के चुनाव होने हैं। पांडियन 2011 से लगातार नवीन पटनायक के प्रधान सचिव रहे हैं। नवीन बाबू के करीबी और उनके राजनीतिक सलाहकार रहे प्यारी मोहन महापात्रा के बागी होकर अलग होने क बाद से पांडियान ही राजनीतिक मामले भी देख रहे हैं। पिछले दिनों वे सरकारी हेलीकॉप्टर से पूरे प्रदेश में घूमे हैं और लोगों की समस्या सुनी हैं। इस पर विवाद होने के बाद नवीन पटनायक ने कहा था कि उन्होंने पांडियन को इसकी जिम्मेदारी दी थी।

परंतु सवाल है कि तमिलनाडु के रहने वाले पांडियन को क्या ओडिशा के लोग अपना नेता स्वीकार कर लेंगे? नवीन बाबू चाहे उनको कितना भी मानते हों लेकिन जो व्यक्ति आईएएस होने के बाद करीब 20 साल पहले पहली बार ओडिशा आया हो उसको कैसे मुख्यमंत्री स्वीकार किया जा सकता है? अस्मिता का राजनीति का कार्ड अगर भाजपा चलती है तो फिर उसका क्या जवाब होगा? हालांकि भाजपा की केंद्र सरकार ने जिस रफ्तार से उनकी वीआरएस को मंजूरी दे ही वह कमाल की है। बताया जा रहा है कि 20 अक्टूबर को ही आवेदन मिला था और डीओपीटी ने 23 अक्टूबर को उसे स्वीकार करने का आदेश जारी कर दिया। उससे स्पष्ट हो रहा है कि दोनों पार्टियों के बीच कैसा सद्भाव है। बहरहाल, पांडियन की पत्नी सुजाता कार्तिकेयन भी आईएएस अधिकारी हैं। वो ओडिशा की रहने वाली हैं। सो, अगर वीके पांडियन की जगह उनकी पत्नी सुजाता कार्तिकेयन को नवीन पटनायक उत्तराधिकारी बनाते हैं तो उनकी स्वीकार्यता अपेक्षाकृत आसानी से बनेगी। जो भी हो नवीन बाबू को दोनों में से किसी के नाम पर भी पार्टी के बाहर और पार्टी के अंदर सहमति बना पाना आसान नहीं होगा।

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