कर्नाटक में चुनाव तीन महीने बाद होने वाले हैं। अप्रैल के शुरू में चुनाव की घोषणा होगी लेकिन कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने अभी से ऐलान कर दिया कि राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी तो हर परिवार को दो सौ यूनिट बिजली बिल्कुल मुफ्त मिलेगी। राज्य ज्यादातर आबादी इसकी लाभार्थी बन जाएगी। हालांकि इस बात की गारंटी नहीं है कि कांग्रेस इस घोषणा के आधार पर चुनाव जीत जाएगी क्योंकि हिमाचल में फ्री बिजली और पुरानी पेंशन योजना के नाम पर कांग्रेस जीती पर गुजरात में नहीं जीत पाई, बल्कि मुफ्त की रेवड़ी खुल कर बांटने की घोषणा करने वाली दोनों पार्टियां- कांग्रेस और आप बुरी तरह से हारीं।
लेकिन कांग्रेस नेताओं का कहना है कि कर्नाटक गुजरात नहीं है। वहां भाजपा का वैसा आधार और संगठन नहीं है, जैसा गुजरात में है और दूसरे कांग्रेस कर्नाटक में बहुत मजबूत है। तभी शिवकुमार ने पहले ही ऐलान कर दिया। इतनी जल्दी फ्री बिजली का ऐलान करने का मकसद यह था कि कोई दूसरी पार्टी खासतौर से आम आदमी पार्टी पहुंच कर ऐलान करे उससे पहले कांग्रेस ने घोषणा कर दी। कांग्रेस की इस घोषणा से भाजपा की परेशानी बढ़ी है। भाजपा कितनी परेशान है इसका अंदाजा मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के बयान से लगता है। उन्होंने कांग्रेस की इस घोषणा को गैर जिम्मेदार और अतार्किक कहा है। भाजपा के नेता समझा रहे हैं कि इससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था बुरी तरह से बिगड़ जाएगी। बौखलाहट में भाजपा नेता यह भी आरोप लगा रहे हैं कि बिजली सेक्टर निजी हाथों में सौंपने के लिए कांग्रेस इस तरह की घोषणा कर रही है। सोचें, देश की सारी सेवाएं निजी हाथों में सौंपने की योजना पर काम कर रही भाजपा के नेता कांग्रेस पर निजीकरण को बढ़ावा देने के आरोप लगा रहे हैं!