कैबिनेट विस्तार सीएम का विशेषाधिकार है नीतीश जी!

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन दिनों हर बात पर कहते हैं कि उनको पता नहीं है। किसी भी घटना के बारे पूछे जाने पर उनकी पहली प्रतिक्रिया होती है कि अच्छा यह कब हुआ हमको पता नहीं है। लेकिन अब लगता है कि उनको यह भी पता नहीं है कि वे मुख्यमंत्री हैं। पिछले दिनों उनसे कैबिनेट विस्तार के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव से पूछिए। क्या नीतीश कुमार को पता नहीं है कि वे मुख्यमंत्री हैं और कैबिनेट बनाना या उसका विस्तार करना या उसमें फेरबदल करना मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार होता है? वे ऐसा कैसे कह सकते हैं कि कैबिनेट विस्तार के बारे में उप मुख्यमंत्री से पूछिए? यह बात तो महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी नहीं कह सकते हैं, जहां हकीकत है कि उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ही सरकार चला रहे हैं!

लेकिन यह बात नीतीश कुमार ने कही है। कैबिनेट विस्तार के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लोग उनके पास आए थे और उन्होंने कहा कि तेजस्वी से बात कर लीजिए। अगर ऐसा कहा भी गया तो इसको सार्वजनिक रूप से कहने की क्या जरूरत है? यह सही है कि कैबिनेट में तेजस्वी की पार्टी राजद और कांग्रेस के लिए ही जगह खाली है। बिहार सरकार में 36 मंत्री हो सकते हैं, जिनमें पांच की जगह खाली है। वह जगह राजद और कांग्रेस कोटे की है। लेकिन उनसे नाम लेकर उनको मंत्री बनाने का काम तो नीतीश कुमार का है। लेकिन नीतीश कुमार ने कह दिया कि कांग्रेस के लोग राजद से बात करें और तय करें। क्या दोनों पार्टियां जिसको तय कर देंगी उन्हें मंत्री बना दिया जाएगा? सरकार इमेज या राजनीति का समीकरण कौन देखेगा? नीतीश कुमार को कम से कम सार्वजनिक रूप से अपनी ऑथोरिटी घटाने वाली बात खुद नहीं करनी चाहिए।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

और पढ़ें