शिव सेना के एकनाथ शिंदे गुट के विधायकों पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद तीन बड़े सवाल हैं। पहला, 16 विधायकों के मामले में स्पीकर क्या और कब तक फैसला करेंगे? दूसरा, मंत्रिमंडल का विस्तार कब तक होगा और तीसरा राज्य में नगर निगम के चुनाव कब होंगे? ये सारे सवाल एक दूसरे से जुड़े हैं और पहले कहा जा रहा था कि सुप्रीम कोर्ट में लंबित केस की वजह से ये सारे मामले रूके हैं। अब फैसला आ गया है, जो बहुत स्पष्ट है। सो, स्पीकर को जल्दी से जल्दी विधायकों की अयोग्यता पर फैसला करना है। फैसले का अंदाजा सबको है कि। वे विधायकों को अयोग्य नहीं ठहराएंगे लेकिन फैसला कब तक करेंगे यह सस्पेंस है।
दूसरा सवाल ज्यादा अहम है क्योंकि एक साल से राज्य सरकार गिनती के मंत्रियों के सहारे चल रही है। पहले तो बहुत दिनों तक दो लोगों का मंत्रिमंडल रहा। उसके बाद मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ तो 18 और लोग मंत्री बनाए गए। कुल 20 मंत्रियों से सरकार चल रही है, जबकि राज्य में 42 मंत्री हो सकते हैं। शिंदे गुट में भगदड़ न मचे इस वजह से विस्तार रोक कर रखा गया था। लेकिन अब शिंदे गुट को चुनाव आयोग ने असली शिव सेना की मान्यता दे दी है तो ऐसा कोई खतरा नहीं है। फिर भी विस्तार रूका हुआ है। इसी तरह बृहन्नमुंबई महानगर निगम यानी बीएमसी सहित कई बड़े शहरों में निगम का चुनाव रूका हुआ है। राज्य सरकार को जल्दी से जल्दी इस बारे में फैसला करना चाहिए। मंत्रिमंडल का विस्तार भी होना चाहिए ताकि मंत्रियों पर से काम का दबाव हटे और नगर निकायों के चुनाव भी होने चाहिए।